HomeHindi PoemPoetry in Hindi on love | प्यार पर हिंदी मे कविता

Poetry in Hindi on love | प्यार पर हिंदी मे कविता

इस आर्टिकल मे हम आपके लिए Poetry in Hindi on love लेकर आए है, जो की आप के अंदर आपके प्यार के अहसास को जगाती है, जिसे आप अपने प्रियवर के साथ इन प्यार भरी हिंदी कविता शेयर कर सकते है, तो ऐसे मे चलिये इन Hindi Kavita On Love को जानते है,

प्यार पर हिंदी मे कविता

Poetry in Hindi on love

Poetry in Hindi on loveभरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ

हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ

सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा

लेकिन तूने आके मेरी ज़िन्दगी में इसका टुकड़ा टुकड़ा जोड़ा

सपने लेने छोड़ दिया था, लगा था तनहा सा रहने

अब तू मिली ज़िन्दगी में और तेरे सपने के सागर में लगा हूँ बहने

भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ….

चली गयी थी चेहरे की हंसी आने लगे थे दुःख

तुम मिली ज़िन्दगी में अब सच हैं सारे सुख

प्रेम पर कविता

प्यार एक शब्दो का खेल हैं. ऐसा लगा था सबसे कहने

आज तो फिर से प्यार हो गया और लगा हूँ तेरे ख्वाबो में रहने

भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ….

प्रेम पर कविता हिंदी में

आग बरसे चारों तरफ इस जमाने के लिए,

मेरी आंखों की नमी में हो पनाह किसी को छिपाने के लिए।

वो है खुदगर्ज बड़ी मैं जानता हूं,

लौट आएगी फिर से खुद को बचाने के लिए।

मिजाज हो गए तल्ख जब मतलब निकल गया,

ना हुई दुआ कबूल तो मजहब बदल गया।

वो जो कहते थे कि मेरी चाहत कि खुदा तुम हो,

कभी बदली उनकी चाहत कभी खुदा बदल गया।

प्यार पर कविता

मैं चलना चाहती हूं तुम्हारे साथ कुछ इस तरह
की अगर गिरूं तो उठने की जरूरत ही ना हो

मैं खिलना चाहती हूं तुम्हारी खुशबू से कुछ इस तरह
कि मैं मुरझाऊं तो इत्र की जरूरत ही ना हो

मैं सजना चाहती हूं तुम्हारे उन अल्फाजों से इस तरह
कि मैं पहनूं तो गहनों की जरूरत ही ना हो

मैं बंधना चाहती हूं तुम्हारी आत्मा से कुछ इस तरह
की जिस्मों को बांधने की जरूरत ही ना हो!

Love Poem in Hindi

तेरी खुशबू को ढूंढोगे कहां
यह शायद गुम हो गई कहीं
हंसती खेलती सारी खुशियां
ना जाने कहां यह दौड़ गई !

वैसे तो अब तक महक रही
कुछ निर्मल कोमल साधारण
अब गुमशुदा से गुमशुदा हुई
जाने ना कोई क्या कारण !

शायद कोई खुशबू चुरा रहा
जो सिंचित फूल किया तुमने
कोई पल पल उसको तोड़ रहा
क्यों ना आभास किया तुमने

अब मुरझाकर कश खा जाए
कुछ ऐसी हालात होती है
बेखबर वह खुद से हो जाए
ना अब हंसती ना रोती है!

रोमांटिक प्रेम कविता

महकता एहसास हो तुम
कोई फूल गुलाब हो तुम
ठंडक का फरमान हो तुम

कोई उजला चांद हो तुम
क्षितिज सी अनंत हो तुम
किसी ध्रुवतारे सी हो तुम

इनायतों का अंबार हो तुम
मोहब्बत का दीदार हो तुम
पतझड़ की बाहर हो तुम

प्यासे दिल का जाम हो तुम
धधकती हुई आग हो तुम
सूखे में बरसात हो तुम

धड़कनों की तार हो तुम
इस नाचीज की जान हो तुम..!!

प्यार पर कविता हिंदी में

यह जो आज हम उजड़े उजड़े फिरते हैं,

हसरतें बहुत थी हमें भी दुनिया बसाने की।

मुझे आज भी तुमसे कोई गिला नहीं है,

दस्तूर ही कहां बचा है मोहब्बत निभाने का।

शायरी लव रोमांटिक Poetry

इस शहर में मुर्दों की तादाद बहुत है,

कौन कहता है कि ये आबाद बहुत है,

जुल्मों के खिलाफ यहां कोई नहीं बोलता,

बाद में करते सभी बात बहुत हैं।

Love Poetry in Hindi

एक चांदनी रात हो
और वह मेरे साथ हो
सारी दुनिया भूल कर
अपनी सांसो को आत्मसात करें
आओ मिलकर प्यार करें

उनके साथ कुछ हसीन पलों को बुने
लेकर हाथों में उनका हाथ
अपने दिल के जज्बातों को बयां करें
कुछ इस तरह से उनके सामने
हम अपने प्यार का इजहार करें..!!

Love Poem in Hindi

जो कह ना पाई बात तुमसे, आज फिर कैसे कहूँ

होंठो पर ही है रखी, ज़ज़्बात तुमसे क्या कहूँ

वो पहली झलक, कमसिन अदा

वो झुकती पलक, गालों पर हया

तेरे दीदार का असर कुछ इस तरह मुझ पर हुआ

मुझमे मैं अब मैं नहीं, तू ही तू बस तू रहा

है दब गई जो बात दिल में, आज फिर कैसे कहूँ

खता दिल से हुई है दिल ही भुगते

इलज़ाम तुझपे क्या मढ दूँ

जो कह ना पाई बात तुमसे, आज फिर कैसे कहूँ

होंठो पर ही है रखी, ज़ज़्बात तुमसे क्या कहूँ

है तुम्हे इंकार फिर भी, मेरा दिल ही रखने को सही

समझ लेना जो भी कुछ बात तुमसे है कही

तेरी छाँव जब से है मिली, अब खौफ मुझको कुछ नहीं

बस साथ हो तेरा ही, तुम पर आस मेरी ये टिकी

है बहुत एहसास दिल में, चंद लफ़्ज़ों में क्या कहूँ

जो कह ना पाई बात तुमसे, आज फिर कैसे कहूँ

होंठो पर ही है रखी, ज़ज़्बात तुमसे क्या कहूँ

Poetry in Hindi on love

लिखता रहूं तुझे मै जीवन भर

मैं लेखक तो लेखनी तुम बन जाओ

हो अंतर बस इतना की

मैं कलम तो तुम स्याही प्रिये

लिखूं चाहे जो भी मैं

मेरे शब्दों के अर्थ बन जाओ..

प्रेम पर बेहतरीन हिंदी कविता

मेरा तुम्हारा कारवाँ बस ऐसे ही चलता रहे

शब्दों को जन्म देने के लिए सदियों से कलम चली हो जैसे

सुख-दुःख लाभ-हानि, जय-पराजय सबमें समानता तुमने बताया हैं प्रिय

तेरे प्रेम ने ही वैरागी हमे बनाया हैं,

लेखक पीछे छूट गया उसकी जगह

खुद में अब प्रेमी को पाया हैं मैंने

मिल जाये जो साथ तुम्हारा

लिखेंगे हम भी अपनी प्रेम गाथा

शब्दों को जोड़-जोड़ अपनी कहानी बनायेंगे,

शब्दों को कुछ इस तरह सजांयेंगे की,

प्रेम ग्रन्थ में सबसे पहले अपनी प्रेम कहानी को पाएंगे।

Love Poems In Hindi

आज तुम रंग दो अपने रंग में कोरा हूँ संवर जाऊँ
होठों पर होंठ रख दो कहीं प्यास से ना मर जाऊँ

चूम कर बदन को होंठो से अपने गुलाबी कर दो,
तेरे होंठो की तलब है छू कर मुझे श़राबी कर दो।

मत चूमों ग़ुलाब की कलियों को जलन होती है,
आहिस्ता चूमना‌‌ मुझे ‌ बदन में ‌ सिहरन होती है।

मैं दबाऊँ तो बेतहाशा दर्द और थोड़ी हरारत है,
तुम दबाओ तो लुत्फ़ होंठो ‌ कैसी की श़रारत है।

सुबह आँख खुलते ही तुम मदहोश कर देते हो,
कुछ बोलूँ पर चूम कर लब ख़ामोश कर देते हो।

प्यार पर हिंदी मे कविता

एक गलफहमी सी होने लगी थी,

हवाएं मानो मेरी उम्मीदें ढोने लगी थी,

ये बदलता मौसम था  मुझमे होना,

यह मोहब्बत था या दिल का मेरा अहकना,

जब प्यासी धरती को आकाश में उमड़ते बादलो से आस होने लगी थी,

वही मै उसके इरादों में महफूज होने लगी थी,

वह था बड़ा ही खुशगवार लम्हा,

इश्क़ हम दोनों को हुआ हैं,

तब ये गलफहमी सी होने लगी थी,

प्यार पर कविता

वह लिखता था नाम मेरे, मैं उसको गाने लगी थी,

मतलब में था वो शायद, मै उसकी होने लगी थी,

वो दुनिया से लड़ने में लगा था, मैं सपने सजाने लगी थी,

बड़ी मासूम थी उन दिनों मैं,

उसके वायदों को जिंदगी समझने लगी थी,

वो दिल में बस रहा था और मैं खुद से दूर होने लगी थी।

मिल जायेंगे एक रोज हम,

तब ये ग़लतफहमी सी होने लगी थी.

Poetry in Hindi on love

बस चंद दिनों की बात हैं
फिर मैं तेरी तू मेरा है

अगर तू जो मिले सोचूं ऐसा
मेरे मन से दूर अंधेरा हो

तुम रोशन गलियां हो मेरी
हर सुबह तेरा चेहरा देखूं

तुम हो करीब मेरे इतने
बस देख तुझे अखियां सेकूं

हर राह तू मेरे संग ही चले
मैं गिरूं अगर तो तू संग दे

अरमान तेरी मैं रूह छूऊं
तेरी नजर छुए मेरा अंग-अंग दे!

Best Romantic Love poems in Hindi

हुआ था हमे भी प्यार कई बार

लेकिन एक बार में एक से ही हुआ था इकरार

दिल तभी खोजा दूजा, जब मिला था प्यार में इंकार

जोड़ना था दिल हमे हर बार, लेकिन ये टूट ही जाता बार-बार

कभी उम्र ने इज़ाज़त नहीं दी तो कभी मजबूरियों ने मारा था

कसम उस खुदा की हरबार पूरी शिद्धत से हमने मोहब्बत निभाया था

प्रेम पर कविता

हुआ था हमे भी प्यार कई बार;

कभी प्यार को हम समझ नहीं पाए

कभी प्यार ने हमे खुद ही खूब समझाया था;

चलती रही खेल यूँ ही मेरे और प्यार के बिच

कभी मै तो कभी प्यार ने मन बहलाया था

लेकिन दिल था मेरा जो अधूरा रहा हर बार

हुआ था हमे भी प्यार कई बार

चाहा उसको जो कभी मिल ही न पाया

जो मिला, उसको संभाल नहीं पाया

चलता रहा खेल यूँ ही मेरे और प्यार के बिच

कभी मै तो कभी प्यार ने मन बहलाया था

लेकिन दिल मेरा हमेशा प्यार को तरसता रहा

थी क्या कमी मुझमे जो दिल को कभी भी मैं जोड़ न पाया था

ईमानदार था कई बार फिर भी प्यार में धोखा ही खाया था॥

तो आप सभी को यह पोस्ट Poetry in Hindi on love – प्यार पर हिंदी मे कविता कैसा लगा, कमेंट मे जरूर बताए और इस पोस्ट को शेयर भी जरूर करे,

इन पोस्ट को भी पढे :-

Share करे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Categories